Skip to main content

सुबह जल्दी उठने के फायदे


1 दिन की जबर्दस्त शुरुआत – अगर आप सुबह जल्दी उठने की आदत बना लेते हैं तो शीघ्र ही आप अनुभव करेंगे कि आपके दिन की शुरुआत जबर्दस्त तरीके से होने लगी है। आप अद्भुत स्फूर्ति एवं जोश तथा जुनून का अनुभव करेंगे। हर कार्य में आपका मनोबल बढ़ जाएगा। आप खुद ही यह परिवर्तन देखकर हैरान हो जाएंगे।   
2 व्यवस्थित दिनचर्या – हमारी सफलता और असफलता बहुत हद तक हमारी दिनचर्या पर निर्भर करती है। अगर आप सफल और असफल व्यक्ति की जीवनशैली पर प्रकाश डालेंगे तो उन दोनों के बीच सबसे अहम फर्क यह मिलता है कि एक सफल व्यक्ति अपनी दिनचर्या को पूर्ण व्यवस्थित रखते हैं जबकि असफल व्यक्ति में इसका पूर्ण अभाव होता है। अगर आप सुबह जल्दी उठने की आदत डाल लें तो अपनी दिनचर्या को बड़ी आसानी से व्यवस्थित कर सकते हैं। सुबह जल्दी उठने से आपको दिनभर के कार्यक्रम बनाने तथा उसपर अमल करने तथा रणनीति तैयार करने का पर्याप्त समय मिल जाता है। आप अपनी सुविधानुसार अपने सारे कार्यों को उनकी उपयोगितानुसार व्यवस्थित कर योजनाबद्ध तरीके से उन्हें संपादित कर सकते हैं।
3 दिन का अभिवादन – आप सूर्योदय के पहले बिस्तर त्याग दें। नित्यक्रिया से निपटकर घर से बाहर चले आएँ। सुबह के वक्त आस-पास बिखरी प्राकृतिक सौंदर्य को निहारें। ताजी हवा का भरपूर आनन्द मन के बाहर और मन के अंदर एक साथ लें। पक्षियों की चहचहाहट सुने। पूर्व की ओर से उदित हो रहे सूर्य को निहारें, आसमान में बिखरी उसकी लालिमा के सौंदर्य को अनुभव करें। आप देखेंगे कि ऐसा करने से आपका तन और मन एक साथ मदमस्त होकर झुमने लगेगा और आप एक अद्भुत ताजगी का अनुभव करेंगे। खिलती हुई कलियों की तरह आपका भी मन खिल उठेगा। इस प्रकार आप एक नए अहसास के साथ दिन का अभिवादन कर सकते हैं.
4. आलस्य से मुक्ति – अधिकांश व्यक्ति सुबह के वक्त ही सबसे ज्यादा आलस का अनुभव करता है। सुबह सुबह जब अलार्म बजती है तो ऐसा लगता है कि किसी ने नींद पर अचानक धावा बोल दिया है। अगर पैसों का मोह ना हो तो उसे घर दे बाहर बहुत दूर फेंक दिया जाए। सुबह सुबह बिस्तर छोड़ना दुनिया का सबसे कठिन कामों में से एक लगता है। एक बार यदि आप सुबह जल्दी उठने की आदत बना लेते हैं तो अपने जीवन की आधी समस्या का हल आपने निकाल लिया है। सुबह दो घंटे में आप जितना काम कर लेते है उतना काम आप दिनभर में भी नहीं कर सकते हैं अर्थात आप अपनी प्रगति के रथ दुगुनी गति से आगे की ओर भगा सकते हैं। सुबह जल्दी उठने से आप दिनभर स्फूर्ति का अनुभव करेंगे।

5. एक कदम आगे – अगर बाकि लोगों से आप एक कदम आगे रहना चाहते हैं तो सुबह जल्दी बिस्तर त्यागने की आदत आपको डालनी ही पड़ेगी। अक्सर देखा गया है कि जो देर तक बिस्तर के साथ चिपके रहते हैं वह खुद को कभी भी तरोताजा महसूस नहीं करते हैं। हर कार्य को वह अनमने ढंग से निपटाकर अपना दिन पूरा करते हैं। आप खुद को अगर इस वर्ग में शामिल पाते हैं तो तुरंत ही सावधान हो जाइए और अपनी आदत को अभी से ही बदलने का दृढ संकल्प कर लीजिए। हां मुझे पता है कि यह कार्य इतना आसान नहीं है परंतु, प्रयास करने में क्या हर्ज है। प्रयास से ही तो हम एक दिन कामयाब होते हैं। कबीर दास ने बड़ी अच्छी बात कही है – करत करत अभ्यास जड़ मति होत सुजान, रसरी आवत जात तै सिल पर परत निशान।              

Comments

Popular posts from this blog

10 points which must be enlisted in the new chapter of your life

"Hello! Still you are busy with your task?" Please, leave it  yaar for a couple of hours and glance at the impending New Year 2018.    If you are still in indecisiveness let me give you some hints to ponder of some specific points, which might add the new colors in your life.  Look, how I’m going to celebrate the New Year 2018. As I presume the New Year is just like a new chapter of your precious life and it’s all on you how you are going to write the new chapter of your life. For your cue, here I’m pasting some specific points, I would write the new chapter of my life with those. 1 Dream - Without dream life becomes super monotonous. So, I have lots of dreams for the New Year, 2018. 2. Challenge – I’m such a guy who never likes to remain in a comfort zone, so there must be some challenging tasks for the New Year. 3. Achievement – Like some other dreamers I too have some secret wish li...

बात जो दिल को छू जाए

बेंगलुरु में 1 जनवरी को घटी घटना से मैं बेहद आहत हूँ । सीसीटीवी केमरे के उस छेड़खानी दृश्य को देखकर मेरा खून तो नहीं खोल रहा है, मगर उसने मुझे अपनी सभ्यता, संस्कृति और बीमार मानसिकता पर गहराई से सोचने पर विवश जरूर किया है । मेरा खून इस बार इसलिए नहीं खोल रहा है क्योंकि मैंने जबरन इसे खोलने से रोका है, और इसे रोकना भी मुझे युक्तिसंगत लगा । दिल्ली के निर्भया कांड के वक्त भी मेरा खून खूब खोला था । मेरे जैसे कई नैजवानों, एवं संवेदनशील व्यक्तियों ने मिलकर, वहां केंडल मार्च निकाला था। सरकार और प्रशासन दोनों एकाएक, हरकत में आ गई थी । आरोपियों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया । उन्हें सजा भी सुना दी गई । मगर क्या लड़कियों अथवा महिलाओं के साथ होनेवाली बलात्कार और छेड़खानी जैसी कुत्सित घटनाएं बंद हो गई ? नहीं, आज भी किसी सुनसान गली, मुहल्ले और बीच सड़कों में आए दिन ऐसी घटनाएं घटती रहती है । हर बार खून खोलता है मगर क्या इससे समाज बदल रहा है । समाज की मानसिकता बदल रही है ? केंडल मार्च को देखकर क्या हैवानियत की बीमार मानसिकता रखने वाले उन दरिंन्दों की आत्मा पसीजती है ? उन्हें अपने किए कराए पर पछताव...

अविश्वसनीय सफलता का राज

संसार में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो जो अपने जीवन में प्रगति नहीं चाहता हो. हर किसी की कामना होती है कि उसे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता ही सफलता हाथ लगे, परंतु, क्या यह हर किसी के लिए सम्भव हो पाता है ? बिल्कुल नहीं, हर क्षेत्र में केवल मुट्ठी भर लोग ही सफलता की बुलंदियों में विजय पताका लहरा पाते हैं, बाकि तो बस आम की श्रेणी में ही जीवन व्यतीत कर देते हैं. यहां आम से मेरा तात्पर्य सामान्य जीवन से है. ये तो हुई किताबी बात या फिर कही सुनी बात मगर यहां मैं आपको किताबी बातों के बल पर अपनी फिलॉसॉफी नहीं बघारूंगा बल्कि अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर आपको आम और खास जीवन के मध्य आने वाली उस बॉर्डर लाइन का भान कराऊंगा जो आपको भी अपने व्यक्तित्व को आम से खास बनाने की प्रेरणा देगी. हम जिस सोसाइटी में रहते हैं, जिस परिवेश में पले बढ़े होते हैं हमारी मेंटल कंडिशनिंग बिल्कुल उसी के अनुरूप हो जाती है. और एक बार जो कंडिशनिंग हो गई तो उससे बाहर निकल पाना हमारे लिए बहुत कठिन हो जाता है हालांकि यह असम्भव कार्य नहीं है. आपने भी देखा होगा कि आपके आसपास कई ऐसे लोग होंगे जो बिन मांगे आपको नशीहत देते फ...