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सीख

हमें हरदम हर पल कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए । जिस दिन सीखने का क्रम टूट जाता है उसी दिन से हमारे जीवन का उत्थान रुक जाता है । प्रकृति का नियम है कि संसार में सभी चीजों का पहले उद्गम फिर उत्थान और अंत में पतन होता है । परंतु, यह केवल भौतिक अथवा शारीरिक रूपों पर लागू होता है और मनुष्य का एक अद्वितीय पहलू है इसकी बौद्धिकता । मनुष्य की बौद्धिकता में यह नियम कतई लागू नहीं होता है । मनुष्य बौद्धिक रूप से निरंतर जीवनपर्यंत अपना उत्थान करते रह सकता है । अतः हमें सदैव स्वयं को परिष्कृत करते रहना चाहिए । नई नई चीजों को सीखते रहना चाहिए । हर दिन एक नए इंसान के रूप में खुद को परिष्कृत करते रहना चाहिए और यही हम सबका अंतिम ध्येय भी होना चाहिए । 

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