हमें हरदम हर पल कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए । जिस दिन सीखने का क्रम टूट जाता है उसी दिन से हमारे जीवन का उत्थान रुक जाता है । प्रकृति का नियम है कि संसार में सभी चीजों का पहले उद्गम फिर उत्थान और अंत में पतन होता है । परंतु, यह केवल भौतिक अथवा शारीरिक रूपों पर लागू होता है और मनुष्य का एक अद्वितीय पहलू है इसकी बौद्धिकता । मनुष्य की बौद्धिकता में यह नियम कतई लागू नहीं होता है । मनुष्य बौद्धिक रूप से निरंतर जीवनपर्यंत अपना उत्थान करते रह सकता है । अतः हमें सदैव स्वयं को परिष्कृत करते रहना चाहिए । नई नई चीजों को सीखते रहना चाहिए । हर दिन एक नए इंसान के रूप में खुद को परिष्कृत करते रहना चाहिए और यही हम सबका अंतिम ध्येय भी होना चाहिए ।
कभी-कभी आप जीवन में अटका हुआ महसूस करते हैं । एकरसता के जंजीरों में उलझ जाते हैं । उस समय परिवर्तन , विकास और एक ऐसी सफलता की चाहत मन में होती है जो हमारी थकी हुई आत्माओं में नई जान फूंक सके । जब आप जीवन में अटका हुआ महसूस करें तो उस वक्त इन पांच रणनीतियों का उपयोग कर सकते हैं जो आपको इस अटकाव को दूर कर जीवन को गति देने में मदद कर सकता है । 1. अपनी धारणाओं को चुनौती दें जब आप खुद को फंसा हुआ महसूस करते हैं तो सबसे पहले आपको अपनी धारणाओं को चुनौती देना पड़ेगा । अपने मन में बनी धारणाओं से परे विचार करना होगा । पुरानी धारणाओं के जकड़न को तोड़ना होगा । अपने मन को नए तरीके से सोचने के लिए स्वतंत्र करना पड़ेगा । तभी जीवन में आगे की राह खुल सकेगी । 2. अपनी सबसे खराब स्थिति के बारे में खुद से बात करें यदि आपको डर है कि सबसे बुरा घटित हो सकता है , तो आप स्वयं निर्णय लें कि आप क्या करेंगे। आप इसे कैसे संभालेंगे ? क्या आप जीवित रह सकेंगे ? यदि उत्तर हां है , तो आप सबसे खराब स्थिति के डर से खुद को मुक्त कर लेंगे - और आगे बढ़ेंगे। उदासी 3. साहस के बारे में जानें बहादुर बनना आसान न...
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